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नमामि

॥ श्रीः ॥

    नमामि धन्वन्तरिमादिदेवं सुरासुरैर्वन्दितपादपद्मम्‌ ।

    लोके जरारुग्भयमृत्युनाशनं धातारमीशं विविधौषधीनाम्‌ ॥

Last updated on February 9th, 2022 at 09:10 am

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